सरवरे आलम शाहे मदीना लेलो हमारा सलाम।
दिन मिला कुरआन मिला है
तुमसे या खेरुलअनाम
लेलो हमारा सलाम।
कायम करो तुम बेशक नमाज़े
ईमान का गुलसन फिर खिलेगा।
इशके नबी गर दिल में नहीं तो उनको खुदा भी ना मिलेगा।
जिक्रे नबी तू करता चलाजा जन्नत में होगा मकाम।
लेलो हमारा सलाम।
क्यों बेसहारा खुद को कहे हम
आका हमारे है सहारे।
रहमते आलम नूरे मुजस्सम प्यारे नबी है वो हमारे।
भेजी रहा है जिनपे खुदा भी बेशक दरुदो सलाम।
लेलो हमारा सलाम।
रोरो के दामन खुद ने भिगोये उम्मत का दामन भर दिए है
पेट पे पत्थर बांध लिए है फाके के फाके किये है।
सबके लिए जो रेहमत ही रेहमत उनका मोहम्मद है नाम।
लेलो हमारा सलाम।
जिनपे नबुव्वत खत्म हुई है वो हे नबी तो बस हमारा
सजदे किये है जिनको सजर ने कुरआन जिनपे है उतारा ।
जिनपे खुदा खुद सेहदा हुआ सरे नबीयो के वो है इमाम।
लेलो हमारा सलाम।
अपने मजीद को आका बुलालो ये इल्तेजा है बस हमारी।
आखो में आसू लेके तमन्ना उम्मत खड़ी है ये तुमहारी।
हम को अता हो जम जम का पयाला।
हम है तुम्हारे गुलाम।
लेलो हमारा सलाम।
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